राजस्थान जहां वीर भूमि के रूप मेँ प्रसिध्द है वहां तपोभूमि के रूप मेँ भी इसका स्थान बहुत ऊंचा है । इसी भूमि पर मीरां जैसी महान् विभूतियां हुई थी । आज एक ऐसे ही संत के विषय में कुछ लिख कर लेखनी एंव मन पवित्र करने का प्रयास किया गया है ।
राजस्थान में जोधपूर जिले के फलौदी तहसील की सरहद में एक छोटीसी ग्रामीण बस्ती है । जिसको लोग चाखू गावँ के नाम से जानते हैँ । यहीँ पर मरूस्थल के महान सतं का प्राक्टय एक क्षत्रिय परिवार मेँ हुआ था । आप संत श्री 108 श्री जीयारामजी महाराज के नाम से विख्यात हुए हैँ । आपने अपना जीवन अपने सद्गरू संत श्री अनारामजी के सानिध्य मेँ साधना मेँ ही व्यतीत किया एवं इसी समय मेँ विशाल वाणी संग्रह की रचना की । आपका सम्पूर्ण जीवन काल एक मात्र भगवद् भजन मेँ ही व्यतीत हुआ एवं कई चमत्कार पूर्ण घटनाएं आपके जीवन मेँ हुई ।